चमनप्राश खाने के 10 महत्वपूर्ण फायदे जाने| Top 10 Benifits of IMC Chyawan Gold

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IMC Chyawan Gold – च्यवन गोल्ड

चमनप्राश खाने से शरीर हमेशा स्वस्थ बना रहता है यह सार्वभौमिक जानकारी हर एक व्यक्ति को होती है क्योंकि चमनप्राश प्राकृतिक जड़ी बूटियों और सभी प्रकार के जरूरी पोषक तत्व से निर्मित बेस्ट सप्लीमेंट माना जाता है इसके इस्तेमाल से शरीर को सभी प्रकार के जरूरी न्यूट्रिशन प्रदान किए जा सकते हैं।

Best Chyawanprash - IMC Chyawan Gold

IMC का चमनप्राश एक आयुर्वेदिक और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित बेस्ट सप्लीमेंट प्रोडक्ट है जो एक ही डब्बे में सभी प्रकार के पोषक तत्व और सप्लीमेंट उपलब्ध कराता है। IMC के च्यवन गोल्ड को बनाने के लिए विशेष रुप से एलोवेरा, हिमालयन बेरी, आमला, केसर और अन्य आवश्यक जड़ी बूटियां उपयोग की गई जो इस प्रोडक्ट को खास बनाती है। इस प्रोडक्ट के नियमित इस्तेमाल से हम निरोगी व बीमारियों से मुक्त रह सकते हैं इस उत्पाद को आप प्रतिदिन एक गिलास दूध में 5 से 10 ग्राम च्यवन गोल्ड डालकर इस्तेमाल कर सकते हैं। यह प्रोडक्ट दुनिया का इकलौता ऐसा चमनप्राश प्रोडक्ट है जिसे डब्ल्यूएचओ ने प्रमाणित किया है और यह भारतीय आयुर्वेदिक विभाग द्वारा प्रमाणित है।

चमनप्राश खाने के 10 महत्वपूर्ण फायदे जाने :

श्वसन मार्ग को साफ करने में :

दोस्तों अगर आपको भी किसी प्रकार की स्वसन संबंधित समस्या है या अस्थमा या दमा की बीमारी है तो आपको च्यवन गोल्ड चमनप्राश का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। इसमें उपस्थित हिमालयन बेरी हमारे शरीर को प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट प्रदान करती है और इस में उपस्थित एलोवेरा हमारे स्वसन तंत्र की सफाई करने में रामबाण होता है क्योंकि एलोवेरा में लिगनेन व सिफोनिन नाम के दो तत्व पाए जाते हैं जो हमारे गले की सफाई कर स्वसन संबंधित विकारों को खत्म कर देते हैं । इसके इस्तेमाल करते रहने से फेफड़ों में एकत्र होने वाले टॉक्सिन या कफ को भी शरीर से बाहर निकाला जा सकता है जिससे सांस लेने संबंधित कोई भी समस्या नहीं होती है। अक्सर हमारे दूषित रहन सहन, खानपान और गंदी वायु ग्रहण करने के फलस्वरूप कई प्रकार के टॉक्सिन केमिकल हमारे श्वसन तंत्र को सन्दूषित कर देते हैं जिसकी वजह से श्वसन विकार उत्पन्न होते हैं अतः हमें IMC च्यवन गोल्ड का इस्तेमाल करना चाहिए।


पाचन में सुधार कर कब्ज खत्म करने में :

भारत में रहने वाला हर तीसरा व्यक्ति कब्ज की समस्या से परेशान है आजकल यह बीमारी बहुत ही आम समस्या बन गई है इसका मुख्य कारण है हमारा दूषित खान पान व जंक फूड । जिसके सेवन करने से पाचन तंत्र में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं और इसके चलते बवासीर जैसी भयानक बीमारी भी जन्म ले रही है। और कब्ज की समस्या 10 साल के बच्चों से लेकर 7 साल के बुजुर्गों तक को परेशान कर रही है । इस समस्या के समाधान के लिए केवल हमारा संतुलित आहार ही एकमात्र माध्यम होता है किंतु हम अपने आहार-विहार को सुधारना पाने की वजह से इन भयानक बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं और थोड़ा सा कुछ बाहरी खाने पर पेट दर्द की समस्या या अपच की स्थिति बन जाती है किंतु आयुर्वेद में इस समस्या के समाधान के लिए बेहतरीन जड़ी बूटियां उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल करने से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। विशेष रुप से आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से युक्त चमनप्राश को इस समस्या के समाधान के लिए रामबाण माना जाता है। क्योंकि चमनप्राश के निर्माण के लिए IMC में एलोवेरा और आमला जैसे आयुर्वेदिक तत्वों का इस्तेमाल किया है जो हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं।


शरीर में ऊर्जा को बढ़ाने में :

जब कभी हम शरीर को ऊर्जा देने की बात करते हैं तो सिर्फ हमारा ख्याल भोजन और खाने की चीजों पर जाता है किंतु इसके अतिरिक्त हमारे शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करने के लिए आयुर्वेद का भी सहारा लिया जा सकता है। क्योंकि हमारा जो भोजन होता है उसमें उचित मात्रा में सभी प्रकार के न्यूट्रिशंस उपलब्ध नहीं होते हैं जो हमारे शरीर को प्रत्येक प्रकार के पोषक तत्व उपलब्ध करा सके। अगर हम इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना चाहे भी तो हमें कई प्रकार के व्यंजन या कई प्रकार के फलों का सेवन करने की आवश्यकता होती है जो हर एक व्यक्ति के लिए संभव नहीं होता है। अगर हम इन सभी पोषक तत्वों को एक डब्बे में समाहित कर दे तो वह डब्बा हमारे शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्व को उपलब्ध करा सकता है और यह डब्बा है IMC का च्यवन गोल्ड चमनप्राश जो संपूर्ण न्यूट्रिशन को पूरा करने में हमारी मदद करता है। इसमें उपस्थित सभी प्रकार की आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां हमारे शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करती हैं इसमें उपस्थित एलोवेरा वा हिमालयन बेरी के साथ-सथ आमला हमारे लिए प्रचुर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट व फाइबर के साथ-सथ कई प्रकार के विटामिंस उपलब्ध कराते हैं जो हमारे शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करते हैं।


रक्त को शुद्ध करके विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में :

हमारा मानव शरीर बहुत ही नाजुक कोशिकाओं से बना है अगर हमारे इस शरीर में थोड़ी ज्यादा मात्रा में भी कोई केमिकल या फ्री रेडिकल चला जाता है तो उससे हमारे शरीर के नाजुक अंगों को इसका भुगतान करना होता है जिसके फलस्वरूप इन अंगों में कई प्रकार के रोग होने लग जाते हैं विशेष रुप से हमारे शरीर को निरोगी बनाने के लिए रक्त को शुद्ध रखना बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है अगर हमारे रक्त की शुद्धता बरकरार नहीं होती है तो हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थों की संख्या बढ़ने लगती है और यह विषाक्त पदार्थ हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल का निर्माण करने लग जाते हैं या फिर शुगर डायबिटीज के फ्री रेडिकल्स को भी बनाने लग जाते हैं जिसके फलस्वरूप शुगर और हार्ट अटैक जैसी भयानक बीमारियों के साथ-साथ कैंसर जैसी बीमारी अभी हमें प्रभावित कर देती है। अतः हमें अपने रक्त को शुद्ध बनाने के लिए इन विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालना बहुत ज्यादा आवश्यक होता है। मनुष्य ने हर एक प्रकार की मशीनें बनाई अविष्कार किए किंतु कोई ऐसी चीज नहीं बना पाया जिससे वह हमारे शरीर से गंदगी को मशीन के माध्यम से बाहर निकाल सके इसलिए आयुर्वेद जो प्राचीन काल से हम सभी के शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने और स्वस्थ बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है। आयुर्वेद के भंडार से रिसर्च करके तैयार किया गया संपूर्ण पोषण से युक्त चमनप्राश हमारे शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त कर सकता है इसके इस्तेमाल से हम अपने शरीर की धमनियों में परिसंचरण करने वाले रक्त को भी शुद्ध कर सकते हैं।


रक्तचाप को सामान्य करने में :

वर्तमान समय में रक्तचप या ब्लड प्रेशर की समस्या एक आम समस्या बन चुकी है इसका मुख्य कारण वायुमंडलीय ऑक्सीजन की कमी के साथ-साथ हमारे शरीर में उपस्थित ऑक्सीजन की कमियां भी हैं जिसके फलस्वरूप हमारे शरीर में वहन करने वाले रक्त का परिसंचरण सही नहीं हो पाता है जिसके कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या आम हो चुकी है। इस समस्या के समाधान के लिए जब हम डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह हमें कई प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां दे देता है जिनके इस्तेमाल से हम इन दवाइयों को इस्तेमाल करने की एक लंबी आदत बना लेते हैं जो कभी छूट नहीं पाती है और यह हमारे शरीर को तुरंत आराम तो देती हैं किंतु हमेशा के लिए लत लगा देते हैं जिनके भविष्य में भयंकर दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं। अतः हमें एलोपैथिक दवाइयों के स्थान पर आयुर्वेद का सहारा लेना चाहिए और आयुर्वेद से निर्मित चमनप्राश का इस्तेमाल आवश्यक रूप से करना चाहिए। आयुर्वेदिक भंडार के इस्तेमाल से हमारा शरीर रक्तचाप की समस्या से मुक्ति पा सकता है और बिना किसी नुकसान के हमारे शरीर को स्वस्थ बना सकता है।


कोलेस्ट्रॉल कम करने में :

कोलेस्ट्रॉल की समस्या सर्वाधिक रूप से ज्यादा वसा युक्त चीजों के इस्तेमाल से होती है। हमेशा से हमारे भारतीय घरों में खाद्य तेलों का उपयोग बहुतायत से किया जा रहा है जो वर्तमान समय में हमारे शरीर के लिए सबसे ज्यादा घातक बन रहा है। क्योंकि वर्तमान में निर्मित होने वाला खाद्य तेल कई प्रकार के विषाक्त केमिकल के इस्तेमाल से बनाया जाता है जो हमारे शरीर में कई प्रकार की कोलेस्ट्रॉल केमिकल की मात्रा को बढ़ा देता है अगर यह कोलेस्ट्रॉल के कारण हमारे शरीर में बढ़ते जाते हैं जो हमारे हॉर्ट या ह्रदय तक जाने वाली श्वसन नली के मार्ग में जाकर चिपक जाते हैं। और दिन-ब-दन उसको स्वसन मार्ग को बंद करने लगते हैं जिससे हार्ट अटैक की समस्या होना आम बात है। अतः हमारे श्वसन मार्ग में एकत्र होने वाले इन कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने के लिए हमें आयुर्वेद की मदद लेनी चाहिए और चमनप्राश का प्रतिदिन सेवन करके इन कोलेस्ट्रोल को शरीर से बाहर निकालने का प्रयास करना चाहिए।


एकाग्रता को बेहतर बनाने में :

नियमित रूप से चमनप्राश का इस्तेमाल करने से एकाग्रता को बढ़ाने में मदद मिलती है। विशेष रुप से पढ़ाई कर रहे बच्चे व बुजुर्गों को चमनप्राश आवश्यक रूप से खिलाना चाहिए। चमनप्राश में केसर उपस्थित होता है जो हमारे मस्तिष्क की नाजुक नसों को मजबूत बनाने में मदद करता है और उन नसों की थकान को खत्म करके हमारी याददाश्त को भी बढ़ा देता है हमारे मस्तिष्क को हम जितने अच्छे पोषक तत्व उपलब्ध कराते हैं उसकी कार्यक्षमता भी उतनी ही अधिक बढ़ती जाती है। जब हम प्रतिदिन चमनप्राश का इस्तेमाल करते हैं तो यह हमारे मानसिक कार्यों की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ शारीरिक ठिकानों को भी खत्म कर देता है जिसके फलस्वरूप हमारा मानसिक संतुलन स्वस्थ बना रहता है और हम भरपूर ऊर्जा के साथ किसी भी चीज को एकाग्र रूप से कर पाते हैं। अगर यह मानसिक थकान बढ़ती जाती है तो तनाव का कारण बन जाती है जिसके फलस्वरूप इसका प्रभाव हमारे शारीरिक विकास पर भी पड़ता है और विशेष रूप से बच्चों के शरीर के विकास के दौरान यह प्रभाव डालता है। अतः आवश्यक रूप से एकाग्रता को बढ़ाने मानसिक थकान को कम करने और शारीरिक विकास को उचित गति देने के लिए हमें प्रतिदिन बच्चों व बुजुर्गों को च्यवन गोल्ड का सेवन करवाना चाहिए।


संक्रमण से शरीर की रक्षा करने में :

शरीर नाजुक कोशिकाओं और ऊतकों से मिलकर बना है जो प्रतिदिन कई प्रकार के सूक्ष्म जीवों से संघर्ष करता रहता है। और इसमें विशेष रूप से हमारी रोगों से लड़ने की क्षमता रोग प्रतिरोधक क्षमता अपना कार्य करती है अगर हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी भी कम होती है तो हमारे शरीर में किसी प्रकार की बीमारी के लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं और यह जब लंबे समय तक बने रहते हैं तो हमारे शरीर को किसी भयानक बीमारी के रूप में जन्म देते हैं। अतः जब कभी हमें किसी प्रकार का वायरल इंफेक्शन होता है या फिर किसी प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है तो हमें तुरंत बेहतरीन आयुर्वेदिक तत्वों का सेवन करना चाहिए जो हमारे शरीर को संक्रमण से सुरक्षित कर सके। विशेष रुप से चमनप्राश एक बेहतरीन आयुर्वेदिक तत्वों का भंडार माना जाता है जिसका इस्तेमाल करते रहने से शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के संक्रमण को रोका जा सकता है और इनके भयंकर दुष्परिणामों को स्थगित किया जा सकता है। संक्रमण की जब बात आती है तो 21वीं सदी में आई भयंकर बीमारी कोरोनावायरस का नाम विशेष रूप से सभी को याद आता है जिस बीमारी ने करोड़ों लोगों की जान ले ली। और यह एक भयंकर संक्रमण फैलाने वाली बीमारी थी जिसमें कोरोनावायरस केवल मात्र छूने से फैल जाता था इस वायरस को नियंत्रित करने में भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ने ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विशेष रुप से जो प्रतिदिन चमनप्राश का इस्तेमाल करते थे उनको इस वायरस के संक्रमण का खतरा बहुत ही कम देखने को मिला और वह सभी इस वायरस से बहुत ही कम समय में लड़ने में सक्षम हुए।


सर्दी-खांसी से बचाव में :

सर्दी खांसी एक संक्रमण द्वारा होने वाली बीमारियां हैं जो हमारे दूषित वायु के ग्रहण करने या फिर दूषित पानी पीने या फिर शीतली तासीर वाली चीजों के सेवन से हो सकती है। और विशेष रूप से किसी व्यक्ति द्वारा संक्रमण होता है। सर्दी खांसी से बचने का एक ही उपाय है कि हमें अपनी रोगों से लड़ने की क्षमता को मजबूत बनाना चाहिए अगर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहती है तो हम कभी भी सर्दी खासी जैसी आम समस्या से प्रभावित नहीं होते हैं। जो भी चमनप्राश का प्रतिदिन सेवन करते हैं उनकी शरीर में इन छोटी संक्रमण बीमारियों से बचने के लिए प्रति रक्षा कवच मजबूत बना रहता है जो उन्हें कभी भी बीमार होने से बचाता है। सर्दी जुकाम कभी-कभी हमारे शरीर के टॉक्सिक लेवल के बढ़ने के फल स्वरुप भी होता है जो सर्दी जुकाम के माध्यम से हमारे शरीर की गंदगी को भी साफ करता है जब हम प्रतिदिन चमनप्राश का उपयोग करते रहते हैं तो यह हमारे शरीर से सर्दी जुकाम के माध्यम से सभी टॉक्सिंस को भी बाहर निकाल देता है इस दौरान हमें अपनी समाज का इस्तेमाल करना चाहिए।


हड्डियों को मजबूत करने में :

मनुष्य की हड्डियों को कैल्शियम व फास्फोरस की प्रचुरता की आवश्यकता होती है अगर यह 2 पोषक तत्व हमारे शरीर में कम होते हैं तो हमारी हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं जिसके फलस्वरूप जोड़ों का दर्द गर्दन का दर्द कंधे का दर्द कमर का दर्द घुटनों का दर्द होने लगता है। अता इन सभी समस्याओं को खत्म करने के लिए हमें प्रतिदिन चमनपरास का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके इस्तेमाल से हमारे शरीर को कैल्शियम फास्फोरस जैसे पोषक तत्व के साथ-साथ बोन मैरो में मजबूती प्रदान करने के लिए कई आवश्यक खनिज और विटामिंस और अमीनो एसिड उपस्थित होते हैं। जो हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं हमारी हड्डियां जितनी मजबूत होती है हमारे शरीर में उतना ही बेहतरीन तरीके से रक्त का निर्माण होता है। अतः हमें आवश्यक रूप से संपूर्ण पोषक तत्व की प्राप्ति के लिए IMC के च्यवन गोल्ड का इस्तेमाल करना चाहिए।

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