IMC New Product INFECTONIL Hindi
IMC INFECTONIL :
INFECTONIL एक आयुर्वेदिक सिरप है जिसे IMC कंपनी द्वारा तैयार किया गया है। यह आयुर्वेदिक सिरप हमारे शरीर में होने वाले किसी भी प्रकार के संक्रमण को खत्म करने के लिए बनाई गई है। इस सिरप के 200ml पैक से कई प्रकार के संक्रमण में आपके शरीर को सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। इस सिरप को IMC कंपनी द्वारा 2022 के अंतिम दिवसों में लांच किया गया है। यह प्रोडक्ट कई सालों की रिसर्च के बाद कंपनी के डायरेक्टर डॉ अशोक भाटिया जी द्वारा मार्केट में लाने के निर्णय के बाद लांच कर दिया गया है।

इस प्रोडक्ट के इस्तेमाल से किसी भी प्रकार के वायरस या बैक्टीरिया के इंफेक्शन से बचा जा सकता है किंतु हमें यह जानने की आवश्यकता है कि यह प्रोडक्ट हमारे शरीर में किस प्रकार से कार्य करता है।
चलिए सबसे पहले समझ लेते हैं कि इंफेक्शन या संक्रमण कैसे होता है? और इसके होने के कारण क्या है? साथ ही कितने प्रकार के संक्रमण हमारे शरीर में होते हैं? और इन संक्रमण के वाहक कौन होते हैं ?
इंफेक्शन या संक्रमण क्या होता है?
जब किसी मनुष्य के शरीर के भीतर वायु द्वारा, जल द्वारा या किसी अन्य माध्यम से किसी सूक्ष्मजीव का प्रवेश हो जाता है तो उस से होने वाले नुकसान को संक्रमण कहते हैं। यह जीव मनुष्य के शरीर के भीतर जाने के पश्चात अपने जीवन के लिए मनुष्य की कोशिकाओं व अन्य अवयवों को नुकसान पहुंचाने लगता है जिससे शरीर प्रभावित होने लगता है और इन संक्रामक जीवो को हम रोगजनक जीवाणु या विषाणु के रूप में जानते हैं। जैसे- बैक्टीरिया, वायरस, फंगस , सेवाल व प्रोटोजोआ इसके कुछ उदाहरण है। जो हमारे शरीर में जाने के पश्चात अपनी संख्या को बढ़ाने लग जाते हैं और हमारे शरीर के अनुकूलन को बिगाड़ देते हैं।

हमारे शरीर में होने वाले कुछ संक्रमण कमजोर होते हैं जिन पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती। किंतु कुछ संक्रमण अत्यधिक गंभीर और जानलेवा हो सकते हैं जो हमारी जान भी ले सकते हैं । कुछ संक्रमण होने पर इनके इलाज करने पर भी कोई असर नहीं होता है। संक्रमण फैलने के अनेकों कारण हो सकते हैं जैसे- शरीर से संपर्क, किसी व्यक्ति के शारीरिक निकासी क्रियाओं द्वारा निकलने वाले अवयव के संपर्क या हवा में मौजूद कणों से यह संक्रमण हो सकते हैं।
इसके अतिरिक्त यह संक्रमण किसी वस्तु के संपर्क में आने से भी हो सकता है। किसी भी संक्रमण का प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि उसके रोगजनक का प्रकार किस प्रकार से शरीर को क्षति पहुंचाता है।
हमारे शरीर में सुरक्षा के लिए प्रति रक्षा कवच उपस्थित होता है जो संक्रमण के वाहक से होने वाले संक्रमण को रोकने में पूरा प्रयास करता है किंतु कभी अगर संक्रमण के जीवाणु विषाणु शरीर में अधिक संख्या में प्रवेश कर जाते हैं तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता इससे लड़ने में सक्षम नहीं हो पाती है और इस प्रकार हमारे शरीर में हानिकारक संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में हमें इन रोगजनक विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने के लिए किसी आयुर्वेदिक तत्व एलोपैथिक दवाई या फिर सप्लीमेंट की आवश्यकता होती है जो प्रतिजैविक के रूप में कार्य कर कर इनकी संख्या को कम करते हैं।
संक्रमण या इंफेक्शन के प्रकार :
हमारे शरीर में इंफेक्शन मुख्य रूप से 6 प्रकार से हो सकते हैं जो निम्न प्रकार हैं:
1. बैक्टीरियल इनफेक्शन द्वारा
2. वायरल इनफेक्शन द्वारा
3. फंगीनाशक या कवक या शैवाल के प्रभाव द्वारा
4. प्रोटोजोआ के द्वारा
5. पैरासाइट परजीवी के द्वारा
6. प्रायन पर जीवो के द्वारा
इंफेक्शन या संक्रमण कैसे हो सकते हैं:
इंफेक्शन या संक्रमण फैलने के दो मुख्य तरीके होते हैं जिनसे यह परजीवी हमारे संपर्क में आकर शरीर को संक्रमित कर देते हैं। यह दो तरीके निम्न प्रकार हैं :
- डायरेक्ट कांटेक्ट से या प्रत्यक्ष तौर पर संपर्क से
इंफेक्शन होने का सबसे सरल तरीका प्रत्यक्ष संपर्क से है जिसमें अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति (जो संक्रमित है) के संपर्क में आता है तो वह भी प्रभावित हो सकता है।
1. कभी-कभी जानवरों से व्यक्ति में भी यह संक्रमण फैल सकता है जब कभी कोई जानवर काटता या खरोच ता है तो इससे आपको इंफेक्शन हो सकता है जैसे कुत्ते के काटने पर रेबीज नाम का वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है।
इसके अतिरिक्त जानवरों के मल मूत्र के संपर्क में आकर भी यह संक्रमण आपके लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं।
2. एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण होना भी आज के समय में आम बात हो गई है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण कोरोनावायरस है। जिसमें संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को छूने पर आसपास छींकने या खासने पर होता है। कभी-कभी यह संक्रमण कीटाणुओं के यौन गतिविधियों के द्वारा शरीर में तरल पदार्थों द्वारा पहुंचने से भी हो सकता है।
3. किसी गर्भवती मां द्वारा बच्चे को संक्रमण होना भी एक कारण है कभी-कभी प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला से भी उसके बच्चों को संक्रमण हो सकता है।
- इनडायरेक्ट कांटेक्ट द्वारा या अप्रत्यक्ष रूप से संक्रमण
जब आप बिना किसी संपर्क के संक्रमित वायरस द्वारा प्रभावित होते हैं तो ऐसा संक्रमण अप्रत्यक्ष संक्रमण होता है इसके होने के भी कई तरीके हो सकते हैं :
1. किसी जहरीले या विषाक्त कीड़े के काटने पर संक्रमण हो सकता है जैसे कभी कुछ कीटाणु, मच्छर, जूं या संक्रमित छोटे कीड़े के काटने पर आपके शरीर में यह विषाक्त पदार्थ छोड़ देते हैं जो परजीवी होते हैं। जैसे- मच्छर के काटने पर प्लाज्मोडियम नाम का प्रोटोजोआ परजीवी हमारे शरीर में प्रवेश कर अप्रत्यक्ष तौर पर संक्रमण फैला देता है।
2. इसके अतिरिक्त दूषित भोजन के ग्रहण करने या सन दूषित पानी पीने से भी यह विषाक्त कीटाणु आपके शरीर को संक्रमित कर सकते हैं कई बार हैजा जैसी बीमारी में संक्रमण होना भी इसी प्रकार का संक्रमण है।
3. कुछ वस्तुओं में संक्रमित जीव पहले से उपस्थित होते हैं जो किसी के छूने पर या सर्दी जुकाम के द्वारा वायवीय माध्यम से आंखों या नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर व्यक्ति को अप्रत्यक्ष रूप से संक्रमित कर देते हैं।
इंफेक्शन होने के लक्षण कैसे पहचाने?
इंफेक्शन होने पर या संक्रमण होने पर इसके कुछ लक्षण हमारे शरीर में प्रत्यक्ष रुप से दिखाई पड़ने लग जाते हैं जैसे अगर आपकी मांसपेशियों में अचानक से दर्द होने लग जाए तो यह किसी प्रकार के संक्रमण का प्रभाव हो सकता है।

इसके अतिरिक्त जब हमें बुखार आता है तो हमें अचानक से शारीरिक थकान महसूस होने लगती है जो हमें यह दर्शाती है कि हमारे शरीर में संक्रमण बढ़ गया है। इसके अतिरिक्त कफ की समस्या या खांसी की समस्या अचानक से तीव्रता से होना भी इसका लक्षण हो सकता है। अचानक से सिर में दर्द होना या पेट में दर्द होना , दस्त लगना भी इसके कुछ शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
IMC INFECTONIL क्यों इस्तेमाल करें :
IMC कंपनी ने INFECTONIL प्रोडक्ट को रिसर्च करके तैयार किया है। और यह प्रोडक्ट 100% जैविक व ऑर्गेनिक प्रमाणित होने के साथ-साथ प्राकृतिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बना हुआ है।
इस प्रोडक्ट में डाले गए सभी आयुर्वेदिक तत्व हमारे शरीर को प्राकृतिक तरीके से संक्रमण मुक्त करने में मदद करते हैं। बोला जाता है कि प्रकृति में 300000 से भी अधिक प्रकार के वायरस और बैक्टीरिया उपस्थित हैं जिसमें से ज्यादातर बैक्टीरिया और वायरस की पहचान आज भी वैज्ञानिकों द्वारा करना संभव नहीं हो पाया है। जिसके कारण हमें अपनी प्रति रक्षा कवच को मजबूत बनाना तो आवश्यक है ही साथ में हमें प्राकृतिक तरीके से अचानक होने वाले किसी वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण से बचने के लिए भी तैयार होने की आवश्यकता है अतः आईएमसी का INFECTONIL प्रोडक्ट एकमात्र ऐसा आयुर्वेदिक प्रोडक्ट है जिसे डब्ल्यूएचओ ने प्रमाणित किया है किसी भी प्रकार के संक्रमण से शरीर को सुरक्षा देने के लिए।
IMC INFECTONIL की कीमत कितनी है :

IMC कंपनी ने INFECTONIL प्रोडक्ट की कीमत MRP में ₹190 रखी है और INFECTONIL प्रोडक्ट को IMC के एसोसिएट के लिए डिस्काउंट पर ₹155 में उपलब्ध कराया जाएगा । इसलिए इसका डीपी रेट 155 रुपए होगा । साथ ही इस प्रोडक्ट पर कंपनी ने अच्छे खासे बिजनेस वॉल्यूम पॉइंट भी दिए हैं। इस INFECTONIL प्रोडक्ट पर 50 बिजनेस वॉल्यूम दिए जाएंगे और इस INFECTONIL प्रोडक्ट की नेट क्वांटिटी 200ml होगी।