IMC Agriculture Product Top 5 Benifits |जैविक खेती के फायदे व नुकसान

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IMC Agriculture Product :

IMC कंपनी के द्वारा निर्मित सर्वोत्तम गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पाद (IMC Agriculture Product) हमारे किसान भाइयों के लिए तैयार किए गए हैं। इन कृषि उत्पादों की सबसे खास बात यह है कि यह हमारे जमीन की उर्वरक क्षमता को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाने का कार्य करते हैं साथ ही इसके इस्तेमाल द्वारा जमीन में ह्यूमस की मात्रा बढ़ने के साथ-साथ मिट्टी भुरभुरी होने लगती है जिससे किसान भाइयों को खेत में ज्यादा सिंचाई की समस्या से समाधान मिल जाता है साथ ही मिट्टी में नमी होने के कारण फसल उत्पादन भी बढ़ता है। मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ने के साथ उसमें उपस्थित सभी आवश्यक खनिज पदार्थ और प्राकृतिक नाइट्रोजन प्रोटीन जमीन को उपजाऊ बनाने में मददगार होता है। आईएमसी के द्वारा तैयार की गई IMC Agriculture Product की मदद से हम 40 से 50 साल पुराने रासायनिक केमिकल प्रभाव को भी कम कर सकते हैं किंतु इसके लिए इन आयुर्वेदिक डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रमाणित उत्पादों को लगातार खेती में 3 से 4 साल तक इस्तेमाल करने की जरूरत होती है। आईएमसी ने विशेष रूप से खेती की उपज बढ़ाने के लिए दो महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद मार्केट में उपलब्ध कराएं हैं जो पूरी तरह से ऑर्गेनिक प्रमाणित है।

IMC के पास कितने एग्रीकल्चर प्रोडक्ट है ?

आईएमसी कंपनी ने IMC Agriculture Product की रेंज में अभी तक मात्र केवल दो ही प्रोडक्ट उपलब्ध कराएं हैं जिसमें से पहला प्रोडक्ट हमारी फसलों को ग्रोथ देने का कार्य करता है तो दूसरा प्रोडक्ट वातावरण की नमी को खींचकर पौधे की जड़ों तक पहुंचाने व मिट्टी को भुरभुरा बनाने में मददगार होता है। पहले प्रोडक्ट का नाम है हर्बल एग्रो ग्रोथ बूस्टर और दूसरी प्रोडक्ट का नाम है एग्रो एक्टीवेटर।

IMC Agriculture Product एग्रो ग्रोथ बूस्टर के फायदे :

IMC का हर्बल एग्रो ग्रोथ बूस्टर प्रोडक्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित एक शानदार कृषि उत्पाद है। इस कृषि उत्पाद का उपयोग करके जमीन को प्राकृतिक तरीके से ही ह्यूमस प्रदान किए जा सकते हैं । इस कृषि उत्पाद में नीम, आंवला, एलोवेरा, हिमालयन बेरी, गोमूत्र जैसी आयुर्वेदिक और प्राकृतिक तत्व उपस्थित हैं जो पौधे को उचित विकास में मदद करते हैं। इससे पौधे की पत्तियां हरि चमकदार और रोग प्रतिरोधक क्षमता परिपूर्ण रूप से विकसित होती है तथा फूलों के झड़ने की समस्या और कीटों को नियंत्रित करने में काफी ज्यादा सहायक होता है।

आईएमसी के हर्बल एग्रो ग्रोथ बूस्टर प्रोडक्ट में एलोवेरा की सर्वोत्तम प्रजाति बार्बेडेंसिस का इस्तेमाल किया गया है जिसमें विशेष रूप से ligninsafinain नाम के तत्व पाए जाते हैं जो पौधे के पोषण में मदद करते हैं।

IMC Agriculture Product एग्रो एक्टीवेटर के फायदे :

एग्रो एक्टीवेटर प्रोडक्ट आईएमसी कंपनी द्वारा रिसर्च करके तैयार किया गया शानदार प्रोडक्ट है। इस प्रोडक्ट को सिलिकॉन बेस्ट टेक्नोलॉजी द्वारा तैयार किया गया है जिसकी मदद से जमीन को भुरभुरा करने का प्रोसेस आसान किया जा सकता है साथ ही यह वातावरण में उपस्थित नमी को खींचकर पौधे को प्रदान करता है जिससे वातावरण की वास्प जलवायु पौधे तक पहुंचकर पानी की कमी को पूरा करते हैं साथ ही यह जब पत्तियों पर छिड़काव किया जाता है तो पत्तियों को हरा भरा तरोताजा बनाने में मददगार होता है जिससे पत्तियों के मुरझाने की समस्या या गर्मियों में धूप से होने वाले प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

IMC Agriculture Product जैविक खेती से होने वाले लाभ :


1. IMC Agriculture Product के साथ बढ़ाए भूमि की उपजाऊ क्षमता :

IMC Agriculture Product के साथ बढ़ाए भूमि की उपजाऊ क्षमता

आईएमसी के सभी प्रोडक्ट भूमि की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। विशेष रूप से आईएमसी का ग्रोथ बूस्टर और एग्रो एक्टीवेटर प्राकृतिक तरीके से जमीन को उपजाऊ बनाने में भरपूर मदद करते हैं। इसमें उपस्थित गोमूत्र प्राकृतिक नाइट्रोजन का कार्य करता है जो मिट्टी में प्रोटीन उपलब्ध कराता है और एलोवेरा में उपस्थित पोषक तत्व मिट्टी के रासायनिक प्रभाव को कम करके मिट्टी की जल धारण क्षमता को बढ़ाती है और इस में उपस्थित आमला पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। और इस में उपस्थित हिमालयन बेरी का रस प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट उपलब्ध कराकर पौधे को तरोताजा बनाने में मदद करता है।


2. IMC Agriculture Product के साथ सिंचाई अंतराल बढ़ाएं :

IMC Agriculture Product के साथ सिंचाई अंतराल बढ़ाएं

आईएमसी के एग्रीकल्चर उत्पादों को लगातार इस्तेमाल करते रहने से खेत में होने वाली सिंचाई की समस्या का समाधान किया जा सकता है क्योंकि इन प्रोडक्ट के इस्तेमाल द्वारा जमीन में नमी बनी रहती है जिसके कारण से सिंचाई एक निश्चित अंतराल से करने में सुविधा होती है। अगर हम रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं तो उससे हमारे खेत की मिट्टी कड़ी हो जाती है और ऊपर केमिकल की परत बना लेती है जिससे पानी अंदर गहराई में पेड़ की जड़ों तक नहीं पहुंच पाता जिससे पौधे को विकास करने में परेशानियां होती है और बार-बार खेत में पानी का छिड़काव करवाना पड़ता है।


3. IMC Agriculture Product के साथ रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत बचाए :

IMC Agriculture Product के साथ रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत बचाए

प्राचीन काल से ही हमने खेती को सही तरीके से उत्पादन के लिए तैयार करने हेतु जानवरों से प्राप्त होने वाले गोबर खाद का इस्तेमाल किया है और समय जब बढ़ते गया तो धीरे-धीरे कंपोस्ट खाद का प्रचलन बढ़ा किंतु जनसंख्या वृद्धि के बढ़ने के फल स्वरुप उत्पादन क्षमता को कई गुना बढ़ाने के उद्देश्य से नाइट्रोजन युक्त यूरिया हमारी धरती के लिए जितना ज्यादा उपज प्रदान करने वाला सिद्ध हुआ उससे कहीं ज्यादा अधिक मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को कमजोर करने में भी योगदान दिया। लगातार कई सालों तक यूरिया नाइट्रोजन के इस्तेमाल से मिट्टी में उपस्थित सभी ह्यूमस व पोषक तत्व और किसानों का मित्र केंचुआ समाप्त हो गया जिसके फलस्वरूप मिट्टी की ऑर्गेनिक क्षमता समाप्त हो गई और आज हमें आवश्यकता है कि इसके स्थान पर ऑर्गेनिक प्राकृतिक तत्वों से निर्मित यूरिया नाइट्रोजन व पोषक तत्वों से युक्त खाद का इस्तेमाल करें। आईएमसी के एग्रो ग्रोथ बूस्टर में वह क्षमता है जो रासायनिक खाद के सालों के प्रभाव को खत्म कर मिट्टी को अपने पुराने रूप में वापस ला सकता हैं।


4. IMC Agriculture Product के द्वारा फसलों की उत्पादकता में वृद्धि :

IMC Agriculture Product के साथ रासायनिक खाद पर निर्भरता कम होने से लागत बचाए

आईएमसी के हर्बल ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर उत्पादों के इस्तेमाल के द्वारा मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है जिससे मिट्टी उपजाऊ होने के साथ-साथ केंचुए के निर्माण में भी मदद करती हैं जिससे पौधों के विकास में आवश्यक सभी तत्व आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और इससे पौधे को प्राकृतिक रूप से रोगों से लड़ने की क्षमता प्राप्त होती है। साथ ही साथ फूलों की उत्पादकता में भी वृद्धि होती है फल स्वरूप फसल उत्पादन कई गुना बढ़ जाता है और इसका सीधा फायदा आपके कृषि उत्पादन पर पड़ता है।


5. बाज़ार में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ने से किसानों की आय में भी वृद्धि होती है :

बाज़ार में जैविक उत्पादों की मांग बढ़ने से किसानों की आय में भी वृद्धि होती है

वर्तमान समय में हमारा किसान महंगे महंगे रासायनिक खादों का इस्तेमाल करने के साथ-साथ कीटनाशक दवाइयों पर बड़ा खर्च करके कृषि की प्रक्रिया को महंगा बना रहा है। फल स्वरूप प्रति एकड़ लगने वाली लागत बढ़ रही है और फसल उत्पादन से प्राप्त होने वाली आय का बड़ा हिस्सा रासायनिक खादों और उत्पादों को खरीदने में चला जा रहा है। ऐसी स्थिति में किसान भाइयों को आवश्यकता है कि वे सभी आईएमसी के हर्बल उत्पादों की मदद से अपने कृषि व्यवसाय को कम लागत में अधिक उपज बढ़ाकर अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकते हैं। ऐसा देखा गया है कि प्रति एकड़ रासायनिक खाद की लागत 10 से 15000 रुपए होती है किंतु अगर वह किसान रासायनिक खाद के स्थान पर आईएमसी के हर्बल एग्रीकल्चर उत्पादों के माध्यम से कृषि करता है तो उसे मात्र 3 से ₹4000 की ही लागत लगती है जिससे उसका सीधा लाभ बचत के रूप में मिल जाता है और ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर उत्पादों के प्रयोग से हुए उत्पादन में प्राप्त फसलों का मूल्य भी अच्छा मिलता है।

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