कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

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कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज
कमर दर्द का आयुर्वेदिक इलाज

रोग एवं निदान में एक नए विषय पर आहार के बारे में जानकारी को लेकर दोस्तों आजकल हर कोई कमर दर्द की परेशानी का सामना कर रहा हैं करीब एक दशक पहले तक यह लो केवल बुजुर्गों की बीमारी मानी जाती थी या महिलाओं में पीरियड के दौरान यह समस्या अधिक देखने को मिलती थी जबकि आजकल हर उम्र का व्यक्ति इस समस्या का सामना कर रहा है जिसका कारण है बदलती हुई जीवन शैली के साथ पोषण की कमी तो आज क इसी विषय पर चर्चा करेंगे कि कमर दर्द के क्या कारण है और इसके लिए हमें अपनी जीवनशैली में कौन-कौन सी आदत और कैसे आहार को अपनाना चाहिए जिससे हमें इस रोग से छुटकारा मिल सके तो चलिए जानते हैं।

कमर दर्द क्या है और किन-किन कारणों से होता हैं ?
आजकल हर उम्र के लोगों को कमर दर्द की परेशानी रहती हैं लगभग 90% लोग अपने जीवन में कमर दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं हमारे शरीर में रीड की हड्डी में 33 मनके के होते हैं और उनमें से एक भी कार्य ठीक से ना करें तो कई तरह की प्रॉब्लम से उभरने लगती हैं। इनमें सबसे ज्यादा तकलीफ झुकने और मुड़ने में होती है यदि शुरुआती दौर में है इसका इलाज करवा लिया जाए तो यह तकलीफ हमेशा के लिए दूर हो सकती हैं रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाली गलतियां ही कमर दर्द का सबसे बड़ा कारण हैं जो लोग नौकरी की वजह से एक ही जगह बैठकर घंटों काम करते हैं या बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत करते हैं। गलती से कई बार ज्यादा वजन उठा लेते हैं वे कमर दर्द के जल्दी शिकार होते हैं और हां आपको बता दूं कि मोटापा और एक्सरसाइज ना करना भी कमर दर्द के मुख्य कारणों में से हैं नींद में आप कौन सी पोजीशन में सो रहे हैं यह भी बहुत बड़ा कारण है कमर दर्द या पीठ दर्द की समस्या का आप किस चीज पर सोते हैं यह भी बेहद अहम है यदि आप मोटे और soft spongy गद्दे पर सोते हैं तो यह कमर दर्द में पीठ दर्द का कारण बन सकता हैं स्ट्रेस, एंग्जाइटी और हड्डियों का कमजोर होना यह भी कमर या पीठ दर्द के मुख्य कारण हैं बच्चों की बात करें तो बढता gadget और टीवी, मोबाइल से बच्चों के posture को बिगाड़ता है जिससे वह भी गर्दन या पेट दर्द की शिकायत करते हैं इसके लिए कुछ एक्सरसाइज सही खान-पान जिंदगी में शामिल करना बहुत जरूरी है।

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आयुर्वेद के अनुसार कमर दर्द क्या है और किन किन कारणों से होता हैं ?

कमर दर्द यह कोई आज का रोग नहीं हैं पांच हजार साल पहले भी लोग कमर दर्द से पीड़ित होते थे और आयुर्वेद के जरिए ही उनका इलाज किया जाता था तो यह जानना अति आवश्यक हैं कि आयुर्वेद में कमर दर्द के बारे में क्या लिखा है कमर दर्द को समझने के लिए मैं कमर दर्द को तीन हिस्सों में विभाजित करूंगा। कौन-कौन सा Lover Back यानी कमर के निचले हिस्से में नाभि से नीचे वाले हिस्से में दर्द होना, दूसरा सर्वाइकल का दर्द, गर्दन का दर्द या जो हमारे सिर से नीचे वाला भाग है उस जगह पर दर्द होना और तीसरा सारे के सारे मन के एक दम डंडे के जैसे अकड़ जाना ये तीसरा तो ये तीन चीजों में मैं आपको समझा कि कौन सी बीमारी क्या है और उसका इलाज क्या हैं

Lover Back यानी कि कमर का जो निचला हिस्सा हैं उसका दर्द , तो आयुर्वेद में एक श्लोक में बताया गया है किन कारणों से कमर दर्द होता है उसके लक्षण क्या हैं और कौन-कौन से दोष उसमें शामिल हैं और इसमें किन-किन कारणों से दर्द होता हैं।

तो आयुर्वेद में चरक चिकित्सा स्थान 28/56 में एक क्लियर हीं बता दिया गया है कि दर्द कैसे होता है उसका पूर्ण विवरण पूरे सूक्ष्म तरीके से बताया हुआ है क्या लिखा हैं कि कमर के निचले हिस्से से दर्द शुरू होता हुआ यानी कि हमारे नितंब से होता हुआ जांघ में और पैरों तक चला जाए एवं पैर के निचले हिस्से तक चला जाए उसको साइटिका बोला जाता है या आयुर्वेद में ग्रीधसिह बोला जाता हैं।

दूसरा : वात और कफ दोनों मिलकर जिसको पैदा करते हैं और इसमें होता क्या है पल सेटिंग मूवमेंट होती है जैसे हमारा दिल की धड़कन जो है वह धड़कती है फिर रुक जाती थी धड़कती फिर रूकती है तो यह जो चीज है यही चीज हमारे पैरों में होती है जैसे करंट फ्लो करता है वैसे ही हमारा दर्द थोड़ी थोड़ी देर में पलसेटिंग मूवमेंट की तरह हमारे कमर के निचले हिस्से से लेकर एक दम करंट की तरह पैरों में जाता हैं और लोगों का खड़ा होना मुश्किल हो जाता हैं इतना दर्द होता है चलना मुश्किल हो जाता है और कई बार तो लेटना तक मुश्किल हो जाता हैं कभी कबार दर्द हमेशा के लिए बना रहता है कई बार पोजीशनल पेन होती हैं

जैसे कभी पेशेंट आता हैं और बोलता हैं मैं बिल्कुल ठीक हूं मुझे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर मैं आधा घंटा खड़ा होकर या खड़ी होकर खाना बना लूं या खड़े होकर कोई काम कर लूं साफ-सफाई कर लूं तो मुझे इतना दर्द हो जाता है कि मुझे लेटना पड़ता है कई बार दर्द में आराम ही नहीं आता चाहे लेटो, चाहे बैठो, चाय खड़े हो लगातार दर्द होता रहता हैं बहुत तरह के ऐसे सिमटम होते हैं जिसमें अलग-अलग रोगों को अलग-अलग तरीके से पेन होता हैं इसलिए इसका जो सबसे अच्छा तरीका है ढूंढने का वह यह है कि अगर आपको सुबह उठने पर कमर के निचले हिस्से में जकड़ आहट महसूस हो सुस्ती महसूस हो आपकी भूख कम हो जाए और आपके पैरों में जान जैसी फीलिंग ना हो, दर्द हो इतना दर्द हो वह असहनीय हो जाए तब समझ लेना चाहिए कि हमें कमर दर्द या कमर के रोग कि आहट आ चुकी यह अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलता है और आजकल तो यंग जनरेशन मे बहुत ज्यादा पाया जा रहा है वह सर्वाइकल , इसमें होता क्या हैं पहले के लोग खेलते थे, घूमते थे, खेतों में काम करते थे , एक्सरसाइज करते थे आउटडोर, एक्टिविटीज बहुत ज्यादा थी अब क्या हो गया हैं बच्चे एक ही जगह वजह पर लैपटॉप कंप्यूटर देखते हैं लगातार कई घंटों तक एक ही जगह पर बैठे रहते हैं जिसकी वजह से हमारे मसल्स, जो हमारे शरीर को बैलेंस रखने में हड्डी को मोड़ने में मदद करती है वह एक ही पोजीशन बैठ कर थक जाती हैं उसमें सूजन आ जाती है और उस सूजन की वजह से जकड़ा आहट हो जाती है और वही जकड़ा आहट की वजह से सर्वाइकल के रूप में हमें महसूस होती हैं ऊपर देखने पर कई बार चक्कर आता है कई बार कोई पोजीशन में दर्द बढ़ जाता है और आयुर्वेद में इसको विश्वाची नाम से जाना गया है विश्वासी का अर्थ हुआ यानी गर्दन के पीछे से दर्द शुरू होता है कंधे में आता है और कंधे से होते हुएं पूरे हाथ में आता है और हमारी उंगलियों तक में इतना दर्द हो जाता है कि हमारी बॉडी में मूवमेंट रिस्ट्रिक्टेड हो जाती हैं इस केस में हमारी तीन चीजें देखने वाली है पहला कि हमारी गर्दन की मूवमेंट में डाल दें है कि नहीं दूसरा ही दर्द कंटीन्यूअसली बना हुआ है कि नहीं और तीसरा यह किस हद तक जा रहा है कितनी आगे तक जाना है यह देखते हुए हम डिसाइड करते हैं कि व्यक्ति को सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस है अगर है तो कितने डिग्री का और

तीसरा कैसा है जिसमें पूरी की पूरी कमर है वह डंडे के समान अकड़ जाती है ऐसा लगता जैसे डंडा हो जैसे आप देखते हैं जिनको डेंगू फीवर हो जाता है उनको यह सिम्टम बहुत ज्यादा मिलता है कमर जो है एक दम डंडे की तरह अकड़ जाती है और जब इंसान खड़े होकर चलता है तो ऐसा लगता है रोबोट चल रहा हो क्यों न छुक पाता हैं, ना उठ पाता हैं, ना कमर को घुमा पाता है तो आयुर्वेद में मैं इसको मांस गंद वात कि श्रेणी में लिया गया हैं हमारी जो मसल्स हैं उसमें वायु चली जाती है और पूरी की पूरी जो कमर को संभालने वाली मसल्स है वह पूरी तरह जकड़ जाती है उनकी मूवमेंट रिस्ट्रिक्टेड हो जाती है और यहीं से शुरू होती है कमर दर्द के तीसरे रूप की इसी से हम जानेंगे आयुर्वेद में यह तीनों प्रारूपों का पूरी तरह विवरण हमने दिया।

कमर दर्द में क्या खाएं और क्या ना खाएं ?
आपको यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि सही आहार एक बहुत बड़ा रोल प्ले करता हैं आपकी spine कि Health के लिए यदि हमें अपनी बोंस मसल्स, डिस्क और नब्ज को नरिस करना है तो हम एक संतुलित आहार खाना चाहिए जिसमें हमें कैलशियम, मैग्निशियम, विटामिन डी, विटामिन सी प्रोटीन, विटामिन b12 और आयरन सही मात्रा में मिले हमारे शरीर के लिए विटामिन सी भी बहुत जरूरी है क्योंकि यह एंटी ऑक्सीडेंट है जो बोन्स और मसल की hilling में और spine को strong रखने में हेल्प करता है और यह हमें मिलता है खट्टे फलों से जैसे अमरूद, अंगूर, संतरा, नींबू, टमाटर और पालक और हरी शिमला मिर्च से अगर हम प्रोटीन की बात करें तो हमारे बॉडी का स्ट्रक्चर बनता ही प्रोटीन से हैं जिसकी डेली कंजप्शन बहुत जरूरी है ये बोंस , कार्टिलेज और हमारे soft tissues को Maintain करता हैं और चोट लगने पर रिपेयर भी करता है और प्रोटीन मिलता हैं हमें दालों से, दही, पनीर ,दूध सोया आदि अगर आप इज्स आहार को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करें तो शरीर में होने वाले कई प्रकार के दर्द से आप राहत पा सकते हैं

आयुर्वेद में कमर से निजात पाने के लिए क्या हैं ?

दो शब्दों से हम शुरुआत करेंगे पहला है सेवा दूसरा है मेवा , सेवा का अर्थ कमर है उसकी देखभाल करिये, अब कैसे देखभाल करेंगे सुबह प्रातकाल उठेंगे योगा करेंगे हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करेंगे कुछ सूर्य आसन करेंगे थोड़ा तेल की मालिश करेंगे गलत पोजीशन पर नहीं सोएंगे ज्यादा देर तक एक ही जगह पर नहीं बैठे रहेंगे थोड़ा शेयर करते रहेंगे और रात को हार्ड बेड के ऊपर सोयें।

मेवा का अर्थ हड्डी को नार्मल रखने के लिए पूरी स्पाइनल कॉर्ड को नार्मल रखने के लिए जो,जो चीजें आवश्यक हैं calcium जरूरी है, विटामिन d3 जरूरी है, विटामिन सी जरूरी है जितनी भी चीजें हमारी बॉडी के लिए आवश्यक हैं वह चिजे अगर पूरी की जाए तो हमारी कमर है वह बिल्कुल ठीक रहती हैं आयुर्वेद में पांच प्रकार की ऐसी चीजें बताएं हुई हैं कि प्रतिदिन अगर वह कोई करे तो उसकी कमर में गड़बड़ी आने के चांसेस बहुत कम है वह चीजें कौन कौन सी है जो हम रोज देखते हैं

1. दूध ( गाय का दूध )
2. जो
3. ताजी फूल और सब्जी
4. आंवला
5. पानी

जो हम दैनिक दिनचर्या में खाते हैं जैसे विटामिंस मिनरल्स जो हमें मेवा के रूप में मिलते हैं इन्हें ही हमें उपयोग करना है और अगर हम करते हैं तो हमें भविष्य में कमर दर्द से बच सकते हैं और और जिनको भी कमर दर्द है उसको बहुत अच्छी तरह से राहत मिल सकती हैं।

कमर दर्द से निजात पाने के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना होगा ?

आज की बदलती जीवनशैली के कारण पीठ या कमर दर्द एक आम समस्या बनती जा रही है इससे और कई बीमारियां जन्म लेती है जैसे स्पॉन्डिलाइटिस और साइटिका बेसिकली जिन कारणों से यह रोग उत्पन्न होता है उन कारणों से ही हमें बचना है हमें अपने चलने, उठने, बैठने पर ध्यान देना है ठंडा और गर्म से सेक भी बहुत फायदेमंद है अपने बॉडी वेट को मेंटेन करें और कुछ एक्सरसाइज करें जिससे की बॉडी चुस्त रहे किसी भी तरह की पेन को कम करने में योगा बहुत हेल्प करता है भारी सामान न उठाए जिससे कि कमर या पीठ पर जोर पड़े हल्के हाथ की मसाज भी कमर दर्द को कम करती है हल्दी और अदरक का सेवन करें इनमें anti-inflammatory प्रॉपर्टीज है जो पेट को कम करने में मदद करती है अगर आपकी सीटिंग ज्यादा है तो थोड़ी देर में ब्रेक जरूर लें और अपनी बॉडी को आराम दे बस फिर देर किस बात की है इन बातों को अपने लाइफस्टाइल में अपनाएं फिर देखिए कैसे आपको कमर दर्द राहत मिलती हैं

आईएमसी के कौन से प्रोडक्ट को इस्तेमाल करके हम कमर दर्द से निजात पा सकते हैं ?
जब भी किसी को कमर दर्द होती है तो उसके दिमाग में क्या आता है पेन किलर लेकिन पेन किलर इसका कोई निवारण नहीं है इसका कोई इलाज नहीं इलाज क्या है वह है की आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जो की पूरी तरह से कमर दर्द को ठीक कर सकती हैं उसका सेवन करना तो आज मैं आपको 6 जड़ी बूटियां बताने जा रहा हूं जिनके सेवन करने से आप किसी भी प्रकार के कमर दर्द में आराम पा सकते हैं और निजात भी पा सकते हैं 6 जड़ी बूटियां कौन-कौन सी है वह हैं

अश्वगंधा
सैलाकी
रसना
निर्गुंडी
सुरंजन
हरजो

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