IMC में चेयरमैन स्टार कैसे बनें? जाने डॉक्टर अशोक भाटिया जी से

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दोस्तों आज बात शुरू करते हैं पावन रामायण के एक प्रसंग से जब रावण अंतिम सांसे ले रहा था तो श्री राम जी ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को कहा कि रावण के जीवन के कुछ ही क्षण बाकी है जाकर रावण से कुछ सीख लेकर आओ।

IMC chairman


लक्ष्मण ने आश्चर्य व्यक्त किया कि अहंकारी पापी पुरुष से क्या सीखना! लेकिन श्री राम जी ने कहा कि मेरे प्रिय अनुज, सोना यदि गंदगी पर भी पड़ा हो तो भी उठा लेना चाहिए क्योंकि इससे सोने की कीमत पर कोई फर्क नहीं पड़ता। कोई असर नहीं पड़ता। इसी प्रकार सीख हर व्यक्ति से, हर परिस्थिति से, यहां तक कि बेजान वस्तुओं से भी ग्रहण कर लेनी चाहिए।
जानते हैं रावण ने लक्ष्मण को क्या सिखाया?
रावण ने कहा था। जीवन में कभी भी शत्रु और रोग को छोटा समझ कर अनदेखा ना करो। दोनों से खुद को मुक्त रखो। दोस्तों इस दुनिया में गरीबी से बढ़कर हमारा कोई शत्रु नहीं है। आपकी कंपनी IMC की भी हमेशा से सीख रही है कि गरीबी और रोग जैसे शत्रु से मुकाबला करके समृद्ध, निरोगी जीवन व्यतीत करो और लोगों को भी इससे मुक्त रहने की शिक्षा दो।

Chairman - चेयरमैन


आपकी कंपनी का तो बिजनेस प्लान ही ऐसे अद्भुत ढंग से तैयार किया गया है कि पहले ही दिन से आपकी इनकम शुरू हो जाती है। बशर्ते आप अपने भीतर सीखते रहने की प्रवृत्ति को विकसित रखें। कंपनी का वातावरण, कंपनी का बिजनेस, कंपनी का मॉडल, कंपनी के अपलाइन, कंपनी का बिजनेस लिटरेचर में सब स्वाचालित ढंग से आपको सिखाते हैं।
अपने बस ग्रहण करना है अपने भीतर जितना सीखने की प्रवृत्ति होगी उतना ही हमारा दृष्टिकोण विशाल होगा। उतनी ही अधिक तरक्की करते हुए हम और हमारा परिवार रोग रहित, समृद्ध जीवन बिताएगा। दोस्तों संसार का हर जीव, हर प्राकृतिक पदार्थ, जाने अनजाने हमें सिखाता है, हमें प्रेरित करता है, बस जरूरत है उस सीख को ग्रहण करने की।
छोटी सी चींटी हमें परिश्रम करना सिखाती है। चींटी दिन-रात नहीं देखती बस काम करती रहती है। भौंरे गुनगुनाते हुए मस्त भाव से अपना कार्य करते रहते हैं। सूरज – चांद बिना किसी भेदभाव के रोशनी प्रदान करते रहते हैं। नदी सब बाधाएं तोड़ते हुए अपने लक्ष्य सागर की ओर बहती है। IMC कंपनी पहले दिन से ही सीखने के अवसर प्रदान करती है। हर प्रकार के ट्रेनिंग सेमिनार आयोजित करती है।
दोस्तों अपने माता-पिता अध्यापकों के अलावा मेरे जीवन की पांच छोटी सी घटनाओं से मैंने सीख हासिल की। और IMC के प्रति और अधिक डेडीकेटेड होता चला गया। इन पांच घटनाओं के पात्रों को मैं गुरुतुल्य मांनता हूं।

Chairman - चेयरमैन


मेरा पहला गुरु है कूड़ा बीनने वाला!

दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब आपकी कंपनी IMC अपने बाल्यकाल में थी। जाहिर है दौड़-धूप, लोगों की बातें, इत्यादि कहीं ना कहीं मन को चोट पहुंचाती है। एक रोज सायंकाल मैं घर के बाहर बैठा हुआ यह सब सोच रहा था। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि निराशा के काले बादल घेर रहे हैं। और IMC को नहीं करने का मन हो रहा था। बार-बार लोगों की ना और उनकी नकारात्मक बातों से मैं परेशान हो रहा था ।
इतने में मैंने देखा कि कूड़ा बीनने वाला सड़क पर लगे कूड़े के ढेर से पेपर और प्लास्टिक की बोतल इत्यादि उठाकर अपने झोले में डाल रहा था। उसके पीछे कुछ कुत्ते लगे हुए हैं और भोग रहे हैं। वह आदमी एक हाथ पर झोला उठाए हैं और दूसरे हाथ में एक झंडा। डंडे से कुत्तों को दौड़ाता और पेपर तथा बोतलें इकट्ठा करके झोले में डालता जाता। कुत्ते फिर भोंकते। लेकिन वह अडिग अपना कर्म किए जा रहा था।
मैंने उससे पूछा कि क्या तुम्हें कुत्तों से डर नहीं लगता?
कूड़ा बेचने वाले का जवाब था- यह भौंककर अपना काम कर रहे हैं। मैं अपना काम कर रहा हूं और कुत्तों के भौंकने से मैं डर गया तो कमाऊंगा कैसे ? जिंदगी कैसे बताऊंगा?
दोस्त मुझे सबक मिला जिन लोगों की सोच नकारात्मकता से भरपूर है या विवेक हीन है। वे सब तो मुझे कर्म करने से रोकना है। मुझे उन व्यक्तियों की परवाह किए बगैर IMC को पूर्णतया समर्पित होना है और इन निराशा के बादलों से वर्षा करवानी है। क्योंकि वर्षा वाले बादल भी तो काले होते हैं सफेद नहीं।


मुझे दूसरी शिक्षा एक 3 साल के बच्चे से मिली?

मैं अपने मित्र के घर गया। जहां पर उसका 3 वर्ष का बालक गेंद से खेल रहा था। मैंने शरारतवश गेंद ले लिया।
और कहां ! अरे यह तो मेरी गेंद है।
पहले बालक तो प्यार से बोला! अंकल आप झूठ बोल रहे हैं।
यह गेंद मेरी है और फिर जिद की और अपने नन्हे हाथों से मुझे मारने लगा। यह मेरी है यह मेरी है अंकल मुझे दे दो अंकल मुझे दे दो। और मैंने उसे प्यार से गोद में उठाया और गेंद उसको दी। और कहा कि प्यारे बालक तुमने मुझे आज शिक्षा प्रदान की है।
क्योंकि उस 3 वर्षीय बालक का सपना था गेंद से खेलना और लक्ष्य था मुझसे गेंद वापस लेना। उसने अपनी समझ के हिसाब से हर कदम उठाया और मुझसे गेंद वापस ले ली । इस बालक रूपी गुरु ने मुझे दृढ़ निश्चय की सीख दी ।


दोस्तों मेरा तीसरा गुरु है रेड लाइट पर खाने की चक्की बेचने वाला लड़का!

वह ट्रैफिक लाइट पर रुकने वाले हर वाहन चालक के पास जाता। अपनी दिखाता और जो भी बेचने के लिए शब्द थे में बोलता।
कुछ लोग उसे अनदेखा करते, कुछ उससे खरीद रहे थे, मैंने भी विनम्रता से मना कर दिया। लेकिन देखा कि वह लड़का रुक नहीं रहा था। लोग उसे मना करते । लोगों की परवाह किए बिना अगले वाहन चालक की ओर बढ़ जाता । हालांकि मुझे चक्की खाने की कोई इच्छा नहीं थी। परंतु मैंने प्रेमवश एक चक्की खरीदी।
मैंने पूछा! यह सब कैसे करते हो?
लड़के ने बोला वह स्कूल में पढ़ता है। स्कूल के बाद यह काम करता है। और लक्ष्य रखा है हर रोज सौ चक्की अवश्य बेचने है। लड़का प्रत्येक चक्की से लगभग 2 रुपए कमा लेता था। उसने कहा वह 100 लोगों के पास जाता है। लोग मना करते हैं लेकिन 10-15 लोग तो ले ही लेते हैं। मेरा काम तो लोगों को चक्की के बारे में बताते रहना है।
दोस्तों कितनी बड़ी सीख दे गया ट्रेफिक लाइट पर वह चक्की बेचने वाला 12 वर्षीय लड़का। यह मेरे तीन नंबर का गुरु सीख दे गया। लोगों की न की परवाह करते हुए उनको अनदेखा करते हुए, अपने लक्ष्य बढ़ते जाओ। अगर आप 100 व्यक्तियों को मिलते हो तो 10% लोग अवश्य आपके साथ हो जाएंगे। और अपने लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे ।


दोस्तों मेरा चौथा गुरु था एक वेटर!

मैं एक बार एक समारोह में गया था। वहां देखा कि एक वेटर ट्रे में खाने का सामान लेकर पूरे हाल में घूम रहा है। वह न तो आवाज दे रहा है और ना ही किसी के पास जाकर खाने पीने की ऑफर दे रहा है। मैं काफी देर उसको नोटिस करता रहा। आखिर उसे पूछ ही लिया! कि यह कैसा स्टाइल है?
उसने बहुत अच्छा उत्तर दिया? कि मेरी ड्यूटी जो है उसको मैं पूरा कर रहा हूं । मैं हर किसी के पास से ट्रे लेकर जाता हूं । इन चीजों की कोई कीमत नहीं बिल्कुल मुफ्त है । जिसको चाहिए, वह उठा लेता है। दूसरे लोग मना कर देते हैं। वह वंचित रहते हैं।
मैंने भी यह सीख ली। आईएमसी ज्वाइन करने का कोई निवेश नहीं। बिना किसी प्राइस के जॉइनिंग फ्री हो रही है। मेरा भी कर्तव्य है कि हर व्यक्ति को प्लान दिखाते रहूं। और जो अमीर बनना चाहते हैं वह अपने आप ही ज्वाइन कर लेंगे। और जो नहीं ज्वाइन करते स्वस्थ, समृद्ध और सकारात्मक से वंचित रह जाएगा।


दोस्तों मेरे पांचवां गुरु है एक रेहड़ी पर टिकी बेचने वाला!

पांचवी शिक्षा मुझे रेहड़ी पर टिक्की की बेचने वाले से मिली। आलू की टिक्की वाला रेहड़ी चलाये जा रहा है और बिना बोले रेहड़ी पर रखे तवे पर कर्ची मारकर जोर जोर से टकटक की आवाज निकाल रहा है। जिसको टिक्की लेनी होती है उस आवाज को सुनकर घर से बाहर आ रहा है और टिक्की खा रहा है। वह टिक्की वाला व्यक्ति कितनी बड़ी सीख दे गया। तवे और करछी की आवाज से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। आपकी IMC कंपनी अपनी ड्रेस कोड, होम मीटिंग, प्रेरणादाई वीडियो से अपनी उपस्थिति दर्ज करवाती है। जिन लोगों ने अपना भाग्य बदल ना होता है प्रेरित होकर IMC बिजनेस ज्वाइन कर लेते हैं। सीखते हैं और अमीर बन जाते हैं।
दोस्तों अगर जीतना है तो सीखना है अगर सीखना बंद है। तो जितना भी बंद है। तो जीवन सीख कर चलने का नाम है।
सीखो और सिखाओ, हर सुबह, हर शाम विघ्न सब कट जाएंगे, रास्ते मिलते जाएंगे।
सीखो सिखाओ चेयरमैन बनो और चेयरमैन बनाओ ।
जय हिंद वंदे मातरम।।

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