दोस्तों आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है आज के इस महत्वपूर्ण हिंदी लेख में।
हमने इस लेख को नाम दिया है
रोग एवं निदान ।
क्या है सर्वाइकल पेन रोग व निदान
दोस्तों हम सब अपनी दिनचर्या में एक ही जगह सिमटकर कार्य करने के आदी हो चुके हैं। दफ्तर हो , दुकान हो या हो हमारा घर, कहीं भी या फिर बेशक हम ड्राइव कर रहे हो। हमारा शरीर कई घंटों तक एक ही अवस्था में रहता है। नतीजा यह होता है कि कंधे से लेकर गर्दन के पिछले हिस्से तक में अकड़न हो जाती है। जो धीरे-धीरे तेज दर्द व सूजन का कारण बन जाती है। जिसे हम सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस कहते हैं।
Survical Pain के मुख्य कारण क्या है ?
यह कितना तकलीफदेह या कष्टदायक है?
और इसके उपचार क्या है?
इसके बारे में बात करेंगे हमारे एक्सपर्ट डॉ हिमांशु जी से।
सबसे पहले प्रोग्राम में उनका स्वागत करते हैं। आपका बहुत-बहुत स्वागत है।
तो चलिए सबसे पहले जानते हैं
सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस आखिर है क्या ?
सर्वाइकल जो आजकल बहुत आम बीमारी है जो आजकल छोटी उम्र के युवाओं में भी देखने को मिल रही है।
Survical Pain लक्षण क्या क्या है?
कैसे पता चलेगा कि पेशेंट को सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस हो गया है?
जब कोई व्यक्ति यह कंप्लेन करता है कि जब मैं गर्दन को घुमाता हूं तो मुझे जकड़न महसूस होती है। मैं अपनी गर्दन को सामान्य महसूस नहीं कर पाता और किसी एक पोजीशन में दर्द होता है। कंधे तक जकड़ जाते हैं उसकी गर्दन अकड़ जाती है हाथों में दर्द आने लगता है । गर्दन के अगले हिस्से में भी दर्द महसूस होता है ,अपनी गर्दन स्वतंत्र रूप से ऊपर नीचे ,व शायद दाएं बाएं गर्दन को मूव नहीं कर पाता। तो उस कंडीशन हमें यह समझ लेना चाहिए इस व्यक्ति को सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस हो चुका है।

चलिए अब जानते हैं
सर्वाइकल होने के मुख्य कारण कौन कौन से हैं?
इसका सबसे बड़ा कारण है हमारा आजकल का लाइफ स्टाइल। जिस की व्यस्तता काफी ज्यादा बढ़ गई है। पहले के समय में लोग अपने घरों में ज्यादा देर नहीं रुकते थे। वे बाहर जाते थे, खेलकूद करते थे, कोई एक्सरसाइज करते थे, जिसकी वजह से हमारी कमर का लचीलापन बना रहता था। किंतु अब समय बदल चुका है कोई व्यक्ति एक पोजीशन पर मोबाइल देखता हुआ घंटों निकाल सकता है। लैपटॉप देखता हुआ, मूवी या पिक्चर देखता हुआ। अपनी रीढ़ की हड्डी को विदाउट मूव किए। एक ही पोजीशन में भार को संभालने में हमारी गर्दन को बहुत ताकत लगती है। हमारी मसल्स को बहुत काम करना पड़ता है। लेकिन अब प्रॉब्लम ये है कि एक ही स्थिति में लगातार बैठे रहने से हमारी गर्दन को मेंटेन करने वाली मांसपेशियों पर अत्यधिक भार बढ़ जाता है। उस पर अत्यधिक तनाव बढ़ जाता है। उससे गर्दन के सॉफ्ट टिशु प्रभावित होते है। इस दर्द को सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस इसलिए बोला जाता है क्योंकि सर्वाइकल में सात हड्डियां होती है। सात मनगे होते हैं जिसमें एक मनगे को दूसरे मनगे से अलग करने के लिए सॉफ्ट टिशु होता है जो लगातार एक ही स्थिति में बैठने से, या स्पोर्ट खेलने से, भारी काम करने से, कहीं गिरने से, किसी चोट लगने से एकदम से कहीं से ऊंचाई से गिरने की वजह से वह सॉफ्ट टिशु डैमेज हो जाता है। या तो हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, घूल जाती हैं या डिसोल्व हो जाती हैं। इस वजह से हमारी नसें या नाड़ियां एक मनगे से दूसरे मनगे के बीच आने से दब जाती हैं। दबने से इन पर जब प्रेशर बनता है तब वह जो पेन होता है उससे हम लोग इस पेन को सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस के नाम से जानते हैं।

सर्वाइकल पेशेंट को खाने पीने में किन किन चीजों का परहेज करना चाहिए?
और ऐसी कौन सी चीजें हैं जो उन्हें अपने खाने में शामिल करनी चाहिए?
आयुर्वेद के अनुसार सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस जो है एक तरह की वातक व्याधि है। इसे विश्वाची भी बोला जाता है। वायु बढ़ने से या वायु कुपित होने की वजह से यह बीमारी होती है। जिन लोगों को यह बीमारी हो चुकी है या उसको लगता है कि अगर ये बीमारी हो रही है उन लोगों को यह चाहिए कि वह वायु वर्धक चीजें जैसे मां की दाल, राजमा , करी, दही, अरबी। ऐसी वायु वर्धक चीजें जो हमारे शरीर में वायु का उत्कृष्ट बढाती है उसे हमें जितना हो सके कम लेना चाहिए।
इसके अलावा हमें विहार को भी कंट्रोल करना चाहिए हमें बहुत देर तक एक जगह पर बैठे रहना , एक ही जगह सिर को स्थापित रखना , बहुत ज्यादा सफर करना, एक पोजीशन में ऊंचा तकिया लेकर सोना और हमारी गर्दन की पोजीशन मेंटेन ना करना। यह सब कारणों से हमें सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस हो रहा है। अगर हमें लगता है कि सर्वाइकल हो रहा है तो वायु वर्धक चीजें हम कम कर दें। और हमने गर्दन की पोजीशन को एक सही डायरेक्शन में मेंटेन करें। ना तो बहुत ऊंचा तकिया ले और ना ही सर्वदा तकिया ना लें ऐसा भी ना करें । ऐसा तकिया ले जो हमारी गर्दन को कंफर्टेबल रहे। इसलिए ताकि गर्दन का लचीलापन जिसे हम फ्लैक्सिबिलिटी कहते हैं वही गर्दन को स्वस्थ रखने में सबसे ज्यादा महफूज है।
यदि कोई इंसान सर्वाइकल दर्द को लंबे समय तक अवॉइड करता है ? इस बीमारी के बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देता । तो क्या नेगेटिव इफेक्ट हो सकते हैं हमारी हेल्थ पर?
अगर इस बीमारी पर जल्दी ध्यान ना दिया जाए तो यह एक गंभीर समस्याएं पैदा करती है। बैठना भी मुश्किल हो जाता है सेफ्टी लगाने पड़ते हैं। प्रभावित को बहुत चक्कर आते हैं। इतना पेन होता है कि दवाई खाने बाद भी आराम नहीं आता। और थोड़ी सी मूवमेंट करने पर भी बहुत ज्यादा थकावट फील होती है । और बार-बार गर्दन में दर्द आने की वजह से व्यक्ति अपनी दैनिक दिनचर्या की सभी क्रियाएं में भी उसको छोड़ना शुरू कर देते हैं। तो हमें चाहिए कि इसकी बीमारी को तुरंत लक्षण दिखने पर हमें महसूस हो जाए कि दर्द हो रहा है गर्दन में दर्द बढ़ रहा है, गर्दन को मूव करने में हमें परेशानी हो रही है, या अंदरूनी स्वेलिंग हो गई है, ऊपर देखने में नीचे देखने में, अगर चक्कर जैसा महसूस होता है तो हमें तुरंत ही अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और आयुर्वेद की शरण लेकर इसको जल्दी ठीक करने की कोशिश करना चाहिए।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के लिए उत्तम योग क्या है?
अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन से सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस को पूर्ण पूर्णतः हटाना चाहता है और इस बीमारी से निजात पाना चाहता है तो उसको दो चीजों पर ध्यान देना पड़ेगा।
एक आहार पर और एक बिहार पे।
यानी कि ऐसा भोजन लेना पड़ेगा जिससे बीमारी ठीक हो जाए, ऐसी औषधियों का सेवन करना पड़ेगा जिससे बीमारी ठीक हो जाए। और ऐसा आचरण करना पड़ेगा जिससे यह बीमारी दोबारा कभी उसके जीवन में न आए।
आयुर्वेद में बहुत ही अच्छी जड़ी बूटियां बताई गई है ।जड़ी बूटियों को हम दो भाग में बांटते हैं। एक ऐसी दवाएं जो वायु का शमन करें और इन्फ्लेमेशन को कम करें, सूजन को कम करें। वह कौन-कौन सी हैं अश्वगंधा है, रासना है, शिलाकी है, निर्गुंडी है, दशमूल है और गिलोय हैं। इसमें मुख्य चीज है हल्दी। क्योंकि इसमें anti-inflammatory इफेक्ट्स बहुत ही उत्तम है। सवाल यह है कि यह औषधियां हमें मिलेंगी कहां। किसके लिए आईएमसी ने इन सभी के लिए एक उत्पाद बनाया है जिसमें यह सभी सम्मिलित कर दिए गए हैं और हमारी जो लगातार प्रक्रिया है जो आयुर्वेद के डेवलपमेंट के लिए या इसके प्रमोशन के लिए ऐसा आयुर्वेदिक योग तैयार किया है जो ना कि बहुत ही ज्यादा इफेक्टिव है बल्कि नाड़ी पल्ली के रूप में बहुत उत्तम है। कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसमें कोई केमिकल नहीं है, कोई ज्यादा एस्टेरॉइड नहीं है, जिससे कि यह हर एक व्यक्ति के लिए बहुत सुरक्षित है। वह कौन सा प्रोडक्ट है जो इसके लिए रामबाण है इसका नाम है आईएमसी पेन अवे कीट।

इसमें जो मैंने अभी औषधियां यह तो है ही, साथ में गंद पूर्वा तेल है। तिल का तेल है । कर्पूर का तेल और कुछ ऐसी औषधियां है जिसका असर बहुत जल्दी से, बहुत तीव्रता से होता है और सूक्ष्म गामी होता है यानी कि उस छोटी सी छोटी जगह में भी इसका असर हो जाता है जहां प्रभाव डालना संभव नहीं था। तो यह टेबलेट फॉर्म में भी अवेलेबल है और तेल के फॉर्म में भी उपलब्ध है। तो जिन लोगों को बाहर से ज्यादा क्रेम्स पड़ते हैं जिनको बहुत दर्द है तो पेन अवे तेल लगाने से उनको तुरंत उस में आराम मिलता है। उसकी जकड़न में आराम मिलता है उसके इनफॉरमेशन में आराम मिलता है। जो बीमारी अंदर से लगातार पैदा हो रही है जो हमें लगातार बार-बार सर्वाइकल कर रही है। जो चीजें हमें नाड़ी के रूप में बहुत ही हमें कमजोर बना रही है उसको ठीक करने के लिए हम, उस पेशेंट को पेन अवे टेबलेट का उपयोग करवा सकते हैं।

पेन अवे टेबलेट एक उत्तम योग है जिसमें anti-inflammatory दवाइयां भी है, नाड़ी वल्य दवाइयां भी हैं, रसायन के रूप में कई औषधीय डाली गई है। तो यह ऐसा प्रभाव देती है कि व्यक्ति कुछ दिनों में सिर्फ आराम नहीं, अपने आपको कई गुना ज्यादा कंफर्टेबल होता है। इसलिए जो लोग सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस से पीड़ित हैं और उनको कई प्रकार के इलाज करने के बाद भी पूरा आराम नहीं आ रहा है या आराम आकर बीमारी तुरंत दुबारा आ रही है तो हमें पेन अवे किट एक बार इस्तेमाल करने के बाद , हमें यह बताएं कितना लाभ हुआ है। और हमारे साथ अपना एक्सपीरियंस बताएं। हम लोगों ने इस चमत्कारिक औषधि का जो निर्माण किया है वह सर्वाइकल को पूर्ण रूप से खात्म करने में सक्षम है। अगर यह औषधि आंशिक लाभ दे तो हम लोगों ने इसको आगे और ठीक करने के लिए, इस बीमारी को इरेडिकेट करने के लिए अपने मसल्स को, नाड़ियों को ताकत देने के लिए हम लोगों ने नाड़ी वल्य चीजें भी उत्पाद के रूप में तैयार की हैं जैसे माइंड बोल्ड टेबलेट ।

यह क्या करती है हमारी नाड़ियों को वल्य देती है हमारी नब्ज़ को ताकत देती है। जिससे की गर्दन में उपस्थित स्ट्रेस को खत्म कर सकें। और नाड़ीयो को वल्य दे सके और नब्ज को ताकत दे सके। इतना मजबूत कर सके कि यह अंदर किसी भी प्रकार का दर्द दोबारा पैदा ना कर सके।
जिन लोगों को स्ट्रेस की वजह से गर्दन में अकड़न आ जाती है याद जो लगातार अपने मन के ऊपर बोझ बना कर रखते हैं। और उसके बाद जो सर्वाइकल पेन शुरू होता है उसके लिए भी रिसर्च करके स्ट्रेस अवे टेबलेट बनाई गई है।

स्ट्रेस अवे टेबलेट का फायदा यह है कि जब हम इसका लगातार सेवन करते हैं तो हमारा माइंड रिलैक्स रहता है। और जब हमारा माइंड रिलैक्स रहता है तो हमारी मसल्स भी रिलैक्स रहती है। और माइंड के रिलैक्स होने से और मसल्स के रिलैक्स होने से हमारा सर्वाइकल स्पॉन्डलोसिस तुरंत ठीक हो जाता है। और लंबे समय तक ठीक रहता है।
आईएमसी ने एक दिव्य वरदान तैयार किया है जो डॉक्टर्स की रिसर्च ने मिलकर औषधि का निर्माण किया है जो हमें लाभ पहुंचा सके हमारे रोगों को ठीक कर सके इसके लिए आप आईएमसी की पेन अवे किट का इस्तेमाल करें।