तुलसी के बारे में आश्चर्यजनक बातें :
पूरी दुनिया में लगभग 100 से भी ज्यादा अलग-अलग प्रकार की तुलसी(TULSI BASIL) मौजूद है। यह पौधे की एक ऐसी प्रजाति है जिस पर आज लगभग 10,000 से भी ज्यादा रिसर्च हो चुकी है वजह है इसमें पाए जाने वाले एक्टिव इनग्रेडिएंट्स और फाइटोकेमिकल्स।
क्या आप जानते हैं जब तुलसी का एक पत्ता हमारे पेट में जाता है तो इसमें मौजूद 50 से भी ज्यादा अलग-अलग प्रकार के फाइटोकेमिकल्स हमारे शरीर पर तेजी से प्रभाव डालना शुरू कर देते हैं इसका असर हमारे पाचन, त्वचा, बाल, दिमाग, दिल, लीवर और इम्यूनिटी पर होने लगता है। तुलसी (TULSI BASIL) आयुर्वेद की सबसे प्रमुख औषधियों में से एक है इसलिए इसे औषधियों की रानी भी कहा जाता है।
आपने देखा होगा जब भी हम बीमार होते हैं या किसी प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम को फेश कर रहे होते हैं तो इससे छुटकारा पाने के के लिए सबसे पहले हम या तो वही पुराने चलते आ रहे घरेलू नुस्खे आजमाते हैं या डॉक्टर से इलाज कराते है। लेकिन इसके अलावा कुछ खास नेचुरल चीजें ऐसी भी है मतलब करो जिनका हमारी बॉडी पर सबसे तेज असर होता है और ये सदैव दूसरों के मुकाबले कारगर भी होती है। और तुलसी (TULSI BASIL) इन्हीं में से आसानी से मिल जाने वाली चीजों में से एक है। इसके अद्भुत फायदे और इस्तेमाल करने के सही तरीके के बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते।
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हमारे आसपास कई सारे ऐसे महंगे प्रोडक्ट्स है जिनमें बहुत ही साधारण और सस्ते इंग्रेडिएंट्स को बहुत बढ़ा चढ़ाकर बताया जाता है फिर चाहे वह लोंग और नमक वाला टूथपेस्ट हो , दूध के गुणों वाला साबुन, नीम शहद वाला फेस वॉश हो या लोंग तुलसी वाली चाय।
हम विज्ञापनों में इन नेचुरल चीजों को देखकर उस प्रोडक्ट से अट्रैक्ट हो जाते हैं लेकिन यह कभी नहीं सोचते कि क्यों ना उस प्रोडक्ट की जगह हम सीधा उस नेचुरल चीज को ही अपनी लाइफ में ऐड कर लें।
आज के समय में तुलसी (TULSI BASIL) वह हर्ब्स बन चुकी है जिसका चाय कॉढ़े से लेकर टॉनिक, माउथ वास से लेकर गंभीर बीमारियों की दवाइयों तक हर जगह इसका इस्तेमाल हो रहा है। हो सकता है इस वक्त आप जो दवाई खा रहे हो उसमें भी कहीं ना कहीं तुलसी का इस्तेमाल किया गया हो। क्योंकि तुलसी के अद्भुत गुणों के कारण फार्मास्यूटिकल और हर तरह के प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां बड़े पैमाने पर तुलसी (TULSI BASIL) का उपयोग कर रही है।
आप में से कई लोग तुलसी का सेवन कर चुके होंगे लेकिन क्या आपको इसके इस्तेमाल का सही तरीका पता है और यदि आपके घर में तुलसी का पौधा नहीं है तो आज के इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप इसे जरूर अपने घर में लगा लेंगे ।
इस हिंदी आर्टिकल में हम जानेंगे:
Q. तुलसी (TULSI BASIL) किन किन बीमारियों में फायदेमंद है?
Q. (TULSI BASIL) यूज करने का सबसे बढ़िया तरीका क्या है?
Q. बच्चों से लेकर बड़ों तक हर व्यक्ति को (TULSI BASIL) अपनी लाइफ स्टाइल में क्यों शामिल करना चाहिए?
वैसे तो तुलसी (TULSI BASIL) की 100 से भी अधिक प्रजाति है लेकिन इनमें से मुख्यतः दो प्रजाति सबसे ज्यादा मात्रा में आसानी से मिल जाती है। इनमें से राम तुलसी जो हल्के लाइट ग्रीन रंग में होती है और श्याम तुलसी जिसके पत्ते डार्क ग्रीन और हल्के जामुनी कलर में होते हैं।
दोनों में से सेहत के लिए फायदेमंद कौन सी है? इनका कब कैसे और कितनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए? और साथ ही अगर आपके घर में तुलसी (TULSI BASIL) का पौधा नहीं है तब भी आप इसका रोजाना कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं? इन सभी चीजों के बारे में आज हम बात करेंगे लेकिन उससे पहले जान लेते हैं तुलसी के कुछ ऐसे फायदों के बारे में जो शायद हमें किसी और चीज से हमें नहीं मिल सकते।
तुलसी (TULSI BASIL) के 10 महत्वपूर्ण मुख्य फायदे जानें :
- रोग प्रतिरोधक क्षमता:
तुलसी हमारी TH-1 और TH-2 सेल्स के फंक्शन को इंप्रूव करती है। यह दोनों ही हमारे इम्यून सिस्टम की सबसे महत्वपूर्ण सेल्स होती है। जो कि हमें गंभीर वायरस और बीमारियों के खिलाफ लड़ने के लिए हमारी इम्यून रिस्पांस को फास्ट करती है। तुलसी को एक इम्यूनो मॉड्यूलर हर्ब भी कहा जाता है। यह हर तरह के वायरस, बैक्टीरिया और इन्फेक्शन से डैमेज हुए सेल्स को मजबूत बनाने में मदद करती है।
तुलसी में पाई जाने वाली एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरस, एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज हमें बुखार सर्दी जुखाम और मौसम में आने वाले बदलावों की वजह से होने वाले इन्फेक्शन से बचाकर रखती है।
क्या आप जानते हैं पिछले 10 सालों में भारत में कैंसर के मामले 30% ज्यादा बढ़ चुके हैं आपने देखा होगा आज कल एक अच्छे खासे सेहतमंद व्यक्ति को फिर चाहे वह कोई बड़ा सेलिब्रिटी ही क्यों न हो अचानक से कैंसर हो रहा है आखिर इसकी वजह क्या है ?
वजह है केमिकल्स, हेवी मेटल्स और हार्मफुल रेडिएशन।
आपको पता है हम रोजाना दिन भर में कई तरह के खतरनाक केमिकल के संपर्क में आते हैं जिनके बारे में हमें पता भी नहीं होता ।
उदाहरण के लिए;
ब्यूटी पैराबेन- यह केमिकल ज्यादातर कॉस्मेटिक और ब्यूटी प्रोडक्ट में पाया जाता है।
कॉपर सल्फेट- हम जो सब्जियां खरीदते हैं उन सभी की खेती में इस केमिकल का इस्तेमाल फंगीसाइड, एलजीय साइड, रूट किलर के रूप में होता है।
इसके अलावा घर में फर्नीचर और बिजली के काम में।
रिपेयरिंग और क्लीनिंग वर्क में भी कई तरह के खतरनाक केमिकल्स का उपयोग होता है। इन सभी केमिकल्स का हमारे इंटरनल ऑर्गन जैसे लीवर, किडनी, ब्रेन, स्किन और बालों पर एक्सट्रीम डैमेजिंग होता है। इसके बारे में आमतौर पर हमें पता भी नहीं चलता।
तुलसी (TULSI BASIL) उन नजदीकी औषधियों में से एक है जो इन टॉक्सिन केमिकल से हो रहे है हानिकारक प्रभाव से हमें बचाती है।

- श्वसन प्रणाली:
तुलसी हमारे रेस्पिरेट्री सिस्टम यानी कि सांस और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं में भी काफी फायदेमंद होती है तुलसी (TULSI BASIL) में यूजिनॉल नामक तत्व पाया जाता है जो कि बंद नाक, साइनस, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सभी तरह के पलमोनरी बीमारियों में काम आता है । जिन लोगों के लंबे समय से स्मोकिंग करते रहने की वजह से फेफड़े खराब हो चुके हैं रोजाना तुलसी के इस्तेमाल से वह भी जल्दी रिकवर होने लगते हैं।
- पाचन तंत्र में लाभदायक:
तुलसी हमारे पाचन आंतों और पेट संबंधित सभी तरह की समस्याओं में काफी लाभदायक मानी जाती है। यह पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाती है इसलिए जिन लोगों को अक्सर पेट खराब , खाना ठीक से ना पचना , ब्लोटिंग, गैस की समस्या , वाटर रिटेंशन और भूख कम लगने की शिकायत होती है तो उन्हें तुलसी को रेगुलर डाइट में जरूर ही शामिल करना चाहिए ।
- खून की सफाई:
तुलसी खून की सफाई करने के लिए भी बेहद लाभकारी मानी जाती है खासकर तुलसी की चाय पेट में मौजूद सभी इंप्योरिटी को साफ कर, बॉडी को डिटॉक्स करने का काम करती है जिसका सबसे ज्यादा बेनिफिट हमारी स्किन को मिलता है। तुलसी के पत्तों का रस या फिर पेस्ट बनाकर इसे चेहरे और शरीर पर होने वाले दाग धब्बे, पिंपल्स और हर तरह की स्किन प्रॉब्लम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। साफ और बेदाग त्वचा के लिए चेहरे पर इस्तेमाल और रोजाना तुलसी की चाय को अपने डाइट में जरूर शामिल करें।
- मानसिक कार्य विधि:
तुलसी हमारे मानसिक और कॉग्निटिव फंक्शन के लिए भी काफी फायदेमंद होती है अध्ययनों से पता चला है कि 2 महीने तुलसी के इस्तेमाल से एंजाइटी और स्ट्रेस लेवल में काफी सुधार आने लगता है। खासकर तुलसी की जड़ों में एंटी स्ट्रेस प्रॉपर्टी सबसे ज्यादा पाई जाती है । तुलसी की जड़ों से बना नेचुरल एक्सट्रैक्ट हमारे दिमाग पर डिप्रेशन की दवाई से भी बेहतर काम करता है। बीके पब्लिशर की बुक हीलिंग फूड्स के मुताबिक तुलसी पाचन के साथ-साथ हमारे नर्वस सिस्टम को भी मजबूत बनाती है इसलिए सर दर्द और रात में नींद ना आने अर्थात इनसोम्निया जैसी बीमारियों में भी काफी लाभदायक होती है।
आपने देखा होगा किसी परीक्षा का एग्जाम से पहले अक्सर घर के बड़े बूढ़े लोग तुलसी ग्रहण करने की सलाह देते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि तुलसी हमारी मेमोरी पावर और फोकस एबिलिटी को भी बढ़ाती है। जो लोग किसी भी काम में ठीक तरह से ध्यान नहीं लगा पाते हैं जिनकी याददाश्त कमजोर है और चीज अक्सर भूल जाने की आदत होती है उन्हें तुलसी का रोजाना सेवन करना चाहिए।
- डायबिटीज में सहायक:
तुलसी हमारे पेनक्रिएटिक बीटा सेल्स फंक्शन और इंसुलिन सिकरेशन को भी मजबूत करती है। नॉटिंघम यूनिवर्सिटी में करीबन 60 डायबिटीज पेशेंट पर टाइप टू डायबिटीज की रिसर्च में या देखा गया कि अगर लगातार 3 महीने तक डायबिटीज की दवाइयों को लेते हुए अगर डाइट में ढाई सौ एमजी तुलसी की टेबलेट भी ऐड कर दी जाए तो शुगर लेवल काफी ज्यादा कंट्रोल में आ जाता है। और साथ ही डायबिटीज पेशेंट में खाने के तुरंत बाद शुगर लेवल अचानक बढ़ जाने की प्रॉब्लम भी पूरी तरह ठीक हो जाती है तुलसी में पाई जाने वाली हाइपोग्लाइसेमिक प्रॉपर्टीज बॉडी में ब्लड शुगर लेवल को कम करने का काम करती है।
- ब्लड प्रेशर या रक्त प्रवाह:
तुलसी में यूजिनॉल के साथ-साथ पोटेशियम में पाया जाता है रोजाना इस्तेमाल से बड़े हुए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी काफी मदद मिलती है ।
- एंटी ऑक्सीडेंट:
तुलसी के पत्तों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं तुलसी के इस्तेमाल करते रहने से कभी भी हमारे शरीर में ऑक्सीजन की कमी नहीं होती जिससे स्वास्थ्य संबंधित रोगों जैसे दमा की शिकायत में काफी मदद मिलती है।
- एलर्जी खत्म करें :
अगर आप भी बार-बार नजला जुकाम की समस्या से परेशान हैं आपको भी थोड़ी सी शीत होने पर सर्दी जुकाम जैसी समस्या हो जाती है तो आप तुलसी के पत्तों का सेवन लगातार करें क्योंकि इसके लगातार सेवन से आपकी इस समस्या का समाधान हमेशा के लिए हो सकता है।
- शरीर की सफाई :
तुलसी के पत्तों को नियमित इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के शरीर में कभी भी किसी प्रकार की गंदगी नहीं टिक पाती है इसके इस्तेमाल करते रहने से शरीर में उत्पन्न होने वाले कई प्रकार के हानिकारक टॉक्सिक पदार्थ नियमित इस्तेमाल के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाते हैं जिससे हमारे शरीर के अंदरूनी अंग की सफाई होती रहती है और हमारी उम्र भी बढ़ती है। और हमारे शरीर में कभी भी कोई भयानक बीमारी जन्म नहीं ले पाती।

तुलसी के अधिक उपयोग से होने वाले नुकसान:
तुलसी का अधिक उपयोग आपके लिए नुकसान का भी कारण बन सकता है। तुलसी का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाने पर आप पतले हो सकते हैं रिसर्च से पता चला है तुलसी के इस्तेमाल करते रहने से ज्यादा फैटी एसिड जमा नहीं हो पाता जिस कारण से आप कभी नॉर्मल से अधिक मोटे नहीं होते लेकिन अगर आप अधिक मात्रा में इसका इस्तेमाल कर लेते हैं तो यही फैट नॉर्मल से भी कम हो सकता है और आप पतलेपन का शिकार हो सकते हैं। कुछ रिसर्च में पता चला है तुलसी का अधिक इस्तेमाल करने से वीर्य निर्माण की समस्या आती है जिससे नपुंसकता जैसी भयानक बीमारी भी जन्म ले सकती है इसलिए इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में करना चाहिए।

तुलसी उपयोग करने का सही तरीका:
आइए अब जानते हैं तुलसी (TULSI BASIL) का इस्तेमाल किन किन तरीकों से किया जा सकता है :
तुलसी को चार अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है-
1. तुलसी का पाउडर
2. तुलसी की अर्क
3. तुलसी का पाउडर
4. तुलसी के पत्ते
अगर आपके घर में तुलसी (TULSI BASIL) का पौधा है तो यह सबसे बेहतर है।
लेकिन नहीं होने पर आप चाहे तो तुलसी के पत्तों को सुखाकर उसका पाउडर भी बना सकते हैं और चाहे तो मार्केट में मिलने वाले तुलसी के पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। आमतौर पर घरों में दो प्रकार की लगाई जाती है राम तुलसी और श्याम तुलसी।
हालांकि दोनों ही तुलसी (TULSI BASIL) सेहत के लिए काफी फायदेमंद है लेकिन राम तुलसी के मुकाबले गहरे हरे और जामुनी कलर वाली श्याम तुलसी के स्वास्थ्य लाभ ज्यादा है। ताजे या हल्के सूखे हुए तुलसी के पत्ते, तुलसी के पाउडर को इस्तेमाल करने का सबसे बेहतर तरीका है इसका काढ़ा या चाय बना कर पीना।
बेसिक तुलसी चाय बनाने के लिए 250ml गर्म पानी में 5 से 6 तुलसी के पत्तों को 10 मिनट के लिए उबाल लें। ताजे पत्तों की जगह सूखी पत्ती या एक चम्मच तुलसी पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
10 मिनट के बाद इसे हल्का गुनगुना हो जाने दे अब इसमें थोड़ा सा हल्का शहद मिलाकर इसका सेवन करें। इसके अलावा तुलसी का अदरक, हल्दी, काली मिर्च, लौंग और दालचीनी व अन्य सभी प्रकार के हर्ब का काढ़े में इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि किसी भी प्रकार के काढ़े या चाय में तुलसी (TULSI BASIL) मिला देने से उसका असर 2 गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
इसके अलावा तुलसी के अर्क को काढ़े के साथ-साथ साधारण पानी में मिलाकर भी किया जा सकता है सुबह सुबह खाली पेट पीने के पानी में 5 से 4 बुंदे तुलसी के अर्क की मिलाकर पिएं। और साथ ही अगर आप चाहे तो गर्मियों में इसका डिटॉक्स वॉटर के साथ भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एक बोतल या एक जग पानी में कुछ नींबू और खीरे , एक चम्मच जीरा, पांच से छे तुलसी के पत्ते और कुछ बूंदे तुलसी ड्राप की मिलाकर डिटॉक्स वॉटर तैयार कर लें और पूरे दिन के दौरान बीच-बीच में इसका सेवन करते रहे।
इसके अलावा आजकल तुलसी की कैप्सूल का भी काफी इस्तेमाल किया जा रहा है यह फॉरेन कंट्री में काफी ज्यादा फेमस है। टरमेरिक कैप्सूल्स की तरह अच्छे इम्यून सिस्टम के लिए गिलोय टेबलेट के साथ-साथ तुलसी (TULSI BASIL) की कैप्सूल भी दिन में दो बार खायी जा सकती है।
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